महावीर स्वामी -कुछ छंद |
पंच महाव्रत पाले, अष्टकर्मो को टाले, ऐसे श्रेष्ठ परमेष्टि पीर को प्रणाम है
त्रिशला के पूत, क्षमा भावना के दूत, इस जग के अभूत प्रभु वीर को प्रणाम है
सत्य क्षमा त्याग सेवा,पथ जो करे स्वीकार, अणुव्रत ज्योति जैन धीर को प्रणाम है
त्रयरत्न साध कर, लोकप्रीत त्याग कर, ज्ञानमयी भद्र महावीर को प्रणाम है
-आयुषि राखेचा
त्रयरत्न-सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यग्दर्शन
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वाह वाह क्या बात hai