Aayushi Rakhecha

Aayushi Rakhecha is a leading poetess, guitarist, singer, educator, motivational speaker. Born in Jodhpur Rajasthan, she is married to civil servant. This engineering graduate not only teaches students for Civil Services Examinations (UPSC & state PSCs) but also writes songs and poetry with commendable command in Hindi, English as well as in Marwari.

बलम मारो खाबा को शौकीन । आयुषि राखेचा

  बालम मारो खाबा को शौकीन , बलम मारो जीमण को शौकीनB alam Maaro Khaba ko Shokeena by Aayushi Rakhecha.  बालम मारो खाबा को शौकीन , बलम मारो जीमण को शौकी पति के खाने पीने की आदत से परेशान पत्नी का दुखदा , मारवाड़ी हास्य गीत बलम मारो खाबा को शौकीन जिसे लिखा व गाया

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Saanj Ke Sapan / सांझ के सपन गीत

आपको जानकर अत्यंत हर्ष होगा कि मेरे द्वारा गाया गाना साँझ के सपन सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो चुका है। इसे बोल दिए है मनोज गुर्जर जी ने और संगीत दिया है दिवाकर सिंह कछवाहा जी ने |यह सब आपके और सिर्फ आपके साथ और स्नेह की बदौलत संभव हुआ है। सुनकर अपनी प्रतिक्रिया

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आयुषि राखेचा द्वारा शहर फैशन बोन्साई पर

शहर की होड़ फैशन की दुहाई

वो शहर की होड़ फैशन की दुहाई हो गएसोचते हैं सिरफिरे हाई – फाई हो गएबालकोनी में पड़े है, फ्लैट की देखो ज़रापेड़ गमलों में सिमटकर बोनसाई हो गए💕🌳 – Aayushi Rakhecha Like /Share/Subscribe Aayushi Rakhecha on Facebook and

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Aayushi Rakhecha फूल या पांखुरी की बनावट सी है

सूर्य की किरणों के साथ जगती हुई, खिलती हुई तमाम खूबसूरत लड़कियों के लिये- 

यह पंक्तियाँ सुबह के सूर्य की किरणों के साथ साथ जगती हुई, खिलती हुई और काम पर जाती हुई तमाम खूबसूरत लड़कियों के लिये- 💐 फूल या पाँखुरी की बनावट सी हैधूप में छींट की इक तरावट सी हैकुमकुमों से सने अक्षतों की तरहचौक में अल्पना की लिखावट सी है– आयुषि राखेचा Like /Share/Subscribe Aayushi Rakhecha

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आयुषि राखेचा डमरू घनाक्षरी

महादेव भोलेनाथ जी पर डमरू घनाक्षरी छंद

भगवान भोलेनाथ की कृपा आप सब पर बनी रहे ।पढिये एक डमरू घनाक्षरी छंद, जिसमे किसी शब्दपर कोई मात्रा नहीं है । आयुषि राखेचा Like /Share/Subscribe Aayushi Rakhecha on Facebook and Youtube.

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Aayushi Rakhecha on Rakhsha Bandhan

रक्षा बंधन विशेष |

रक्षा-बंधन-पर चर्चित कविता आयुषि राखेचा द्वारा : हाथ जोड़ भैया कहे, मुझको है मधुमेह ।। भाई से कहती बहन, बैठ फुलाए गाल,ना कोई उपहार है, कैसा घटिया साल ? कच्चे धागे से बंधा, पूरा इक संसार ।रेशम सा गूंथा रहे, भाई बहन का प्यार ।। –आयुषि राखेचा

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