हनुमान वंदना |
तुम नाद ब्रह्म अरुणाई, हो वेद ऋचा से पावनतुम चित्त की यति गति में,तुलसी करते आराधननिष्काम ये निर्मल तन है,इस मन को चंदन कर दोहर श्वास में राम बसाकर, जीवन रामायण कर दो–आयुषि राखेचा Like /Share/Subscribe Aayushi Rakhecha on Facebook and Youtube.
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