महावीर स्वामी -कुछ छंद |
पंच महाव्रत पाले, अष्टकर्मो को टाले, ऐसे श्रेष्ठ परमेष्टि पीर को प्रणाम हैत्रिशला के पूत, क्षमा भावना के दूत, इस जग के अभूत प्रभु वीर को प्रणाम हैसत्य क्षमा त्याग सेवा,पथ जो करे स्वीकार, अणुव्रत ज्योति जैन धीर को प्रणाम हैत्रयरत्न साध कर, लोकप्रीत त्याग कर, ज्ञानमयी भद्र महावीर को प्रणाम है -आयुषि राखेचा त्रयरत्न-सम्यग्दर्शन, […]
Read Moreसंत पीपा जी महाराज दर्शन |
भक्ति काल के निर्गुण धारा के महान संत श्री पीपानन्द जी जो कि रामानंद जी के प्रमुख 12 शिष्यों में से एक रहे और दोहे, पदावली के माध्यम से जनमानस तक परम तत्व का दर्शन पँहुचाते रहे- 👇 राजमहल के सुख ठुकरा कर, भक्ति-भाव में रत हो जानाबिसरा कर जगती की माया, परमतत्व अवगत हो जाना“पी” […]
Read Moreहनुमान वंदना |
तुम नाद ब्रह्म अरुणाई, हो वेद ऋचा से पावनतुम चित्त की यति गति में,तुलसी करते आराधननिष्काम ये निर्मल तन है,इस मन को चंदन कर दोहर श्वास में राम बसाकर, जीवन रामायण कर दो–आयुषि राखेचा Like /Share/Subscribe Aayushi Rakhecha on Facebook and Youtube.
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