तुम नाद ब्रह्म अरुणाई, हो वेद ऋचा से पावन
तुम चित्त की यति गति में,तुलसी करते आराधन
निष्काम ये निर्मल तन है,इस मन को चंदन कर दो
हर श्वास में राम बसाकर, जीवन रामायण कर दो
–आयुषि राखेचा
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तुम नाद ब्रह्म अरुणाई, हो वेद ऋचा से पावन
तुम चित्त की यति गति में,तुलसी करते आराधन
निष्काम ये निर्मल तन है,इस मन को चंदन कर दो
हर श्वास में राम बसाकर, जीवन रामायण कर दो
–आयुषि राखेचा
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