यह पंक्तियाँ सुबह के सूर्य की किरणों के साथ साथ जगती हुई, खिलती हुई और काम पर जाती हुई तमाम खूबसूरत लड़कियों के लिये- 💐
फूल या पाँखुरी की बनावट सी है
धूप में छींट की इक तरावट सी है
कुमकुमों से सने अक्षतों की तरह
चौक में अल्पना की लिखावट सी है
– आयुषि राखेचा
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