आयुषि राखेचा द्वारा संचालित डिजिटल कवि सम्मलेन |

Digital Kavi Sammelan by Aayushi Rakhecha
Digital Kavi Sammelan by Aayushi Rakhecha
Digital Kavi Sammelan by Aayushi Rakhecha

कोरोना से बचाव के लिए चल रहे लॉक डाउन के बीच घर बैठे ही काव्य पाठ का आनंद लेने के लिए शनिवार को डिजिटल कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया |

इस अनूठे विविध रसो से भरे कवि सम्मलेन में हास्य कवि व स्टैंड अप कॉमेडियन मावली के मनोज गुर्जर, उदयपुर के राष्ट्रीय कवि सिद्धार्थ देवल, शाहपुरा के व्यंगकार दिनेश बंटी व श्रृंगार एवं सम सामायिक विषयों पर शब्द सजाने के लिए विख्यात जोधपुर की आयुषि राखेचा ने कविताये पढ़ी | प्रेरणा जोश एवं गुदगुदाते हुए व्यंग भरी रचनाओ के इस डिजिटल कवि सम्मलेन का संचालन आयुषि राखेचा ने किया |

आयुषि राखेचा के फेसबुक पेज पर शाम 5 बजे लाइव टेलीकास्ट हुए इस डिजिटल कवि सम्म्लेन में कवि मनोज गुर्जर ने ’’मूर्ख है वो जो मुहब्बत में खुदको बर्बाद करता है, माँ और मिट्टी से मुहब्बत करने वाले को ज़माना याद करता है “। कवि सिद्धार्ट देवल ने जब गौरी के षडयंत्रो में पृथ्वीराज फंस जाएंगे, तब चन्दर वरदाई बन हम अपनी कलम उठाएंगे।“ कवि दिनेश बंटी ने “ दिल में मेरे दर्दे कोरोना है, बेपरवाह है कुछ लोग कि मुझे क्या होना है ?” आयुषि राखेचा ने “आ बांधे प्रीत की डोरी , संग चल ओ बालमा रचनाये पढ़ी” |

काव्य मंचो के जाने माने हस्ताक्षर लोकेश महाकाली व विपुल विद्रोही पंड्या, गौरव पालीवाल आदि ने इस पहल का ज़ोरदार उत्साह भरा स्वागत किया | आयुषि ने बताया की समय समय पर इस तरह के डिजिटल आयोजन और भी किये जायेंगे |