आयुषि राखेचा ने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में काव्य पाठ किया उनकी पंक्तिया छेडू जो कोई राग में मन के गिटार पे गाने लगेंगे बांवरे अफसाना प्यार का
आयुषि राखेचा ने भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में काव्य पाठ किया उनकी पंक्तिया छेडू जो कोई राग में मन के गिटार पे गाने लगेंगे बांवरे अफसाना प्यार का